थुलथुली/नेंदूर मुठभेड़: 31 नक्सलियों के शव बरामद, सर्चिंग का कार्य जारी

थुलथुली और नेंदूर में नक्सल विरोधी अभियान के तहत 31 नक्सलियों के शव बरामद हुए। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घायल जवान से मिलकर हालचाल लिया और नक्सलियों से अपील की कि वे सरेंडर कर घर लौटें।

अक्टूबर 5, 2024 - 10:19
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थुलथुली/नेंदूर मुठभेड़: 31 नक्सलियों के शव बरामद, सर्चिंग का कार्य जारी

दंतेवाड़ा / नारायणपुर । दंतेवाड़ा जिलों के जंगलों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत बारसूर पुलिस थाना के थुलथुली और ओरछा पुलिस थाना के नेंदूर गांव में सुरक्षा बलों ने संयुक्त कार्रवाई की। इस अभियान में डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ ने मिलकर 31 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सख्त अभियान का हिस्सा है, जिससे सुरक्षा बलों की दक्षता और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिल रही है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सीआरपीएफ और डीआरजी का अतिरिक्त रिइन्फोर्समेंट बल क्षेत्र में भेजा गया है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बल सर्च अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के दौरान मौके से एलएमजी, AK-47, SLR, इंसास और 303 राइफल समेत कई अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ से संबंधित विस्तृत जानकारी सर्च अभियान पूरा होने के बाद अलग से प्रदान की जाएगी, जिससे घटना की पूरी तस्वीर सामने आ सकेगी।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घायल जवान से की मुलाकात:

रायपुर में बीती रात उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सली हमले में घायल जवान से मिलने के लिए नारायणा हॉस्पिटल का दौरा किया। उन्होंने घायल जवान का हालचाल लिया और घटना से संबंधित जानकारी भी प्राप्त की। शर्मा ने कहा कि कांकेर में हाल में हुए नक्सल ऑपरेशन के मुकाबले यह ऑपरेशन और भी बड़ा था। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान बड़ी संख्या में एके-47 और एसएलआर जैसे घातक हथियार बरामद हुए हैं, जिससे क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को कड़ी चोट पहुंची है। उन्होंने दावा किया कि इस ऑपरेशन से नक्सलियों की कमर टूट गई है और पूरी कंपनी खत्म हो गई है।

मुख्य धारा में लौटने की नक्सलियों से अपील: 

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से अपील की कि उन्हें घर लौट आना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सरेंडर नीति के तहत सभी के लिए बेहतर अवसर प्रदान किए हैं। शर्मा ने बस्तरवासियों को याद दिलाया कि बस्तर और उसके जल, जंगल, और जमीन का अधिकार उन्हीं का है। उन्होंने नक्सलियों से आग्रह किया कि बस्तर के विकास में बाधा डालने वाले आईईडी को समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि क्षेत्र का विकास संभव हो सके।

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