इंदौर की छात्रा लापता: NIT त्रिची की लड़की का दर्द भरा बयान

इंदौर की ओजस्वी गुप्ता, एनआईटी त्रिची में लापता, ने चार पन्नों का पत्र छोड़ा जिसमें उसने क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद प्रताड़ना का उल्लेख किया। अब परिवार उसकी तलाश में है और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है।

सितम्बर 29, 2024 - 16:10
सितम्बर 29, 2024 - 16:09
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इंदौर की छात्रा लापता: NIT त्रिची की लड़की का दर्द भरा बयान

Indore News | इंदौर की ओजस्वी गुप्ता, जो पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी त्रिची गई थी, पिछले 16 दिनों से लापता है। ओजस्वी ने जाने से पहले चार पन्नों का एक पत्र छोड़ा है, जिसमें उसने अपनी परेशानियों का खुलासा किया। पत्र से यह साफ है कि उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस मानसिक दबाव के चलते वह इतनी परेशान हुई कि उसने सब कुछ छोड़कर जाने का निर्णय लिया। अब उसके परिवार के सदस्य उसकी तलाश में दर-दर भटक रहे हैं और हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा है।

ओजस्वी ने इंदौर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद एक आईटी कंपनी, इंफोबीन में नौकरी शुरू की थी। फिर उसने एनआईटी त्रिचि में पोस्ट ग्रेजुएशन करने का सपना देखा और परीक्षा में 72वां रैंक हासिल किया। वहां उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया, लेकिन कुछ सहपाठियों ने इसका विरोध किया, जिससे उसका माहौल तनावपूर्ण हो गया।

कैंपस में ओजस्वी: लापता छात्रा की आखिरी झलक:

सीसीटीवी फुटेज में 15 सितंबर को ओजस्वी को कॉलेज कैंपस में साइकिल खड़ी करते और फिर कॉलेज से बाहर निकलते हुए देखा गया है। छात्रों को हफ्ते में केवल रविवार को कैंपस से बाहर जाने की अनुमति होती है। ओजस्वी के वापस न लौटने के बाद जब उसके कमरे की तलाशी की गई, तो वहां एक चार पन्नों का बेहद भावुक पत्र मिला। इस पत्र में ओजस्वी ने अपनी परेशानियों और अनुभवों के बारे में खुलकर लिखा है। क्या लिखा है उस पत्र में, आइए जानते हैं…

"अगर कोई महिला सुंदर नहीं है, तो पुरुषों को अपनी लीडरशिप में काम करवाना बेहद मुश्किल हो जाता है। पुरुषों को महिलाओं के नेतृत्व में काम करना पसंद नहीं आता। मेरे लिए सबसे अच्छा पल तब आया जब मैंने एनआईटी में पोस्ट ग्रेजुएशन शुरू किया और मुझे डिपार्टमेंट का क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया। शुरुआत में यह खबर मुझे खुशी दी, लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ खराब होने लगा। कभी भी इतना मत करो कि खुद को खो दो, क्योंकि अंत में वही लोग होते हैं जो आपकी आलोचना करते हैं। विशेष रूप से लड़कियों के लिए, यह समय बहुत कठिन है। मुझे मानसिक दबाव का सामना करना पड़ा, और मैं इसे सहन नहीं कर पाई। यह मेरी गलती है; दूसरों पर दोष न डालें। सभी को सलाह है कि अच्छे से पढ़ाई करें और अच्छा पैकेज लेकर निकलें।"

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