सीएम योगी का शोक संदेश: 'रतन टाटा ने देश को दी अनमोल विरासत
रतन टाटा, 28 दिसंबर 1937 को जन्मे, 86 वर्ष की आयु में निधन हो गए। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने समाज और उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी दयालुता और विरासत को याद किया।
Ratan TATA: देश के मशहूर उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन, पद्म विभूषण रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी हालत नाजुक थी, और उन्हें आईसीयू में डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया था। रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रतन टाटा का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें भारतीय उद्योग जगत का महानायक बताते हुए सीएम ने कहा कि उनका जीवन देश के औद्योगिक और सामाजिक विकास के प्रति समर्पित था। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
दरियादिल व्यक्ति: दयालुता की मिसाल
रतन टाटा का जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और देश एवं आम लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी दरियादिली और मुसीबत में मदद करने की भावना हमेशा याद रखी जाएगी। रतन टाटा ने अपने जीवन में ऐसे योगदान दिए हैं, जिनके लिए उन्हें हमेशा श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनके कार्यों ने समाज में एक नई प्रेरणा जगाई।
1937 में जन्मे: एक महानायक का सफर
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से ली, इसके बाद कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले, उन्होंने अमेरिका में कुछ समय काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया, और 1991 में जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला।
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