स्तन कैंसर के खिलाफ महिलाओं की जीत: 44% मौतों में आई कमी
स्तन कैंसर, जो महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बाद सबसे अधिक मौतों का कारण है, हाल के वर्षों में समय पर पहचान और इलाज के चलते 44% तक घट गया है, जिससे महिलाएं स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख पा रही हैं।
Breast cancer: सर्वाइकल कैंसर के बाद, महिलाओं में सबसे अधिक मौतें ब्रेस्ट कैंसर से होती हैं। यह एक सामान्य कैंसर है, और आधुनिक जीवनशैली में, जहां महिलाएं कम समय के लिए बच्चों को ब्रेस्टफीड करवाती हैं और अधिक उम्र में विवाह और मातृत्व का निर्णय लेती हैं, इस कैंसर का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, हाल के वर्षों में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है। इसका मुख्य कारण समय पर पहचान और इलाज है, जिससे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं। जागरूकता और नियमित जांच से महिलाएं अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रख पा रही हैं, जिससे ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ उनकी लड़ाई और मजबूत हो रही है।
ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट की कोशिकाओं के अनियमित बढ़ने के कारण होता है, जो अक्सर स्तन में एक गांठ के रूप में विकसित होता है। महिलाएं इस गांठ का पता सेल्फ एग्जामिनेशन के जरिए लगा सकती हैं। इसके अलावा, ब्रेस्ट कैंसर की सही पहचान के लिए मैमोग्राफी एक महत्वपूर्ण परीक्षण है। यदि इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, तो कैंसर आसपास के लिम्फ नोड्स और अन्य अंगों में फैल सकता है, जिससे बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है।
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी शामिल हैं। हालांकि, इन उपचारों के अपने-अपने साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे थकान, मितली, और बालों का झड़ना। लेकिन समय पर इलाज और उचित देखभाल से, कई महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर को मात देने में सफल होती हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है।
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