ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजराइल के जख्मों पर छिड़का नमक: 70 साल पुरानी यादें ताजा

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने हमास के ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड की प्रशंसा की, इजराइल की कमजोरियों का उल्लेख करते हुए। उन्होंने अरबी में भाषण देकर अरब देशों के बीच अपनी स्थिति मजबूत की, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।

अक्टूबर 7, 2024 - 17:25
 0  3
ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजराइल के जख्मों पर छिड़का नमक: 70 साल पुरानी यादें ताजा

अल अक्सा फ्लड: 1948 में इजराइल की स्थापना के समय, अरब देश एक कमजोर स्थिति में थे और अमेरिकी सहायता के बिना फिलिस्तीनियों के खिलाफ टिकने की ताकत नहीं रखते थे। 7 अक्टूबर को, हमास ने कुछ घंटों के लिए इजराइली क्षेत्रों पर नियंत्रण जमाकर उसकी कमजोरियों को उजागर किया। इस हमले के एक साल बाद, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने हमास के इस ऑपरेशन की सराहना की, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर रहा है।

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई ने हमास के ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड की सराहना की है, खासकर 7 अक्टूबर के हमले की पहली बरसी पर। खामनेई ने एक्स पर हिब्रू में लिखा कि इस ऑपरेशन ने ज़ायोनी शासन को 70 साल पीछे धकेल दिया है। यह पहली बार नहीं है कि खामनेई ने हमास की प्रशंसा की हो; पिछले हफ्ते शुक्रवार को उन्होंने अपने भाषण में हमास और हिजबुल्ला की तारीफ की, यह कहते हुए कि इजराइल लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा।

1948 में इजराइल की स्थापना के समय, यह अरब देशों के मुकाबले एक कमजोर स्थिति में था, जो अमेरिकी सहायता के बिना फिलिस्तीनियों के सामने टिकने में असमर्थ था। वर्तमान में, इजराइल को इस युद्ध के दौरान भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उसका पर्यटन और बंदरगाहों से व्यापार ठप हो गया है। विद्रोही गुटों से सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं, जबकि कूटनीतिक रूप से भी इजराइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर हो गया है। खामनेई के ट्वीट में '70 साल पीछे धकेलने' की बात इजराइल के इन नुकसानों की ओर इशारा करती है।

मध्य पूर्व विवाद में खामनेई का उभरता हुआ प्रभाव

इजराइल-गाजा संघर्ष की शुरुआत से, अली खामनेई ने विद्रोही गुटों की खुलकर प्रशंसा की है। उनके भाषण और ट्वीट्स इजराइल के खिलाफ लड़ रहे प्रतिरोध समूहों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं। हाल के समय में, खामनेई ने खुद को अरब जगत में एक शक्तिशाली नेता के रूप में स्थापित किया है, और उनके शुक्रवार के भाषण से यह स्पष्ट हुआ कि उनकी प्रशंसा अब केवल शिया गुटों तक सीमित नहीं है, बल्कि सुन्नी अरब देशों में भी बढ़ रही है।

फारसी के साथ अरबी में भी खामनेई का भाषण

पिछले हफ्ते शुक्रवार को, अली खामनेई ने ईरान के हजारों लोगों के सामने भाषण दिया, जिसमें उन्होंने लगभग आधा हिस्सा अरबी में रखा, जबकि ईरान में अधिकांश लोग फारसी समझते हैं। यह दर्शाता है कि उन्होंने अपना भाषण अरब जनता को ध्यान में रखकर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य पूर्व में शिया और सुन्नी सहित कई नेता हैं, लेकिन इस समय पूरे अरब में कोई ऐसा एक नेता नहीं है जिसकी आवाज सुनी जाए। खामनेई इस खाई को भरने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, और उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है।

आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow