संघर्ष का मंजर: जानें इजराइल, ईरान और लेबनान में हुई हताहत और विनाश

करीब 11 महीनों तक इजराइल ने हमास से संघर्ष किया, फिर ईरान और लेबनान का रुख किया। यमन के हूती विद्रोहियों को भी निशाना बनाया गया। इस सबके बीच, मानवता को बड़ा नुकसान और अर्थव्यवस्था को गंभीर चोटें पहुंची हैं।

अक्टूबर 7, 2024 - 18:08
अक्टूबर 7, 2024 - 18:05
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संघर्ष का मंजर: जानें इजराइल, ईरान और लेबनान में हुई हताहत और विनाश

करीब 11 महीनों तक इजराइल ने हमास के खिलाफ संघर्ष किया, जिसमें गाजा पट्टी को लगातार निशाना बनाया गया। पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए भीषण हमले के बाद से यह कार्रवाई जारी है। अब इजराइल ने ईरान और लेबनान की ओर रुख कर लिया है, साथ ही यमन के हूती विद्रोहियों पर भी हमले कर रहा है। इस बीच, इजराइल पर भी पलटवार हो रहा है। इन संघर्षों का सबसे ज्यादा असर मानवता पर पड़ा है; हजारों लोग मारे जा रहे हैं, और इन संघर्षों के चलते अर्थव्यवस्था भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।

तबाही की दस्तक: 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई संघर्ष की कहानी

गाजा पट्टी के हमास और इजराइल के बीच तनाव के बीच, 7 अक्टूबर 2022 को हमास ने इजराइल पर एक बड़ा हमला किया। इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की जान गई और 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके बाद से इजराइल का रुख लगातार आक्रामक बना हुआ है।

गाजा में त्रासदी: 41,000 से अधिक मौतें

हमास का दावा है कि इजराइल के हमलों में गाजा पट्टी में 41,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस साल जुलाई में तेहरान में एक हमले में हमास के प्रमुख नेता इस्माइल हानिये को मार गिराया गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा पट्टी की 58% से अधिक इमारतें तबाह हो चुकी हैं। अल जजीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से 85% को विस्थापित होना पड़ा है, जिसमें 14,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का कहना है कि गाजा में हर 10 मिनट में एक बच्चा या तो मारा जा रहा है या घायल हो रहा है, और 7,000 से अधिक लोगों का अभी भी कोई पता नहीं है। 96,800 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

इजराइल और लेबनान में संकट: 

जब इजराइल हमास पर हमले कर रहा था, तब उसकी उत्तरी सीमा पर लेबनान से हिजबुल्लाह लगातार आक्रमण कर रहा था। हिजबुल्लाह का दावा था कि वह ज्यादातर इजराइल की सेनाओं को निशाना बना रहा है, लेकिन इजराइल को अपने 60,000 से अधिक नागरिकों को सीमा से हटाना पड़ा। हमास को कमजोर करने के बाद, इजराइल ने लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह को निशाना बनाना शुरू किया, यह कहते हुए कि जब तक वे नेस्तनाबूत नहीं होंगे, इजराइल के विस्थापित नागरिक वापस नहीं लौट सकेंगे। इससे लेबनान को अपने 92,000 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा।

इस बीच, इजराइल ने पेजर और वाकी-टाकी हमलों से हिजबुल्लाह के 1,500 से अधिक लड़ाकों को मार गिराया, जबकि चार हजार लड़ाके गायब हो गए। इन हमलों के दौरान आम नागरिक भी चपेट में आए। इन धमाकों ने हिजबुल्लाह के लड़ाकों में दहशत फैला दी, जिसके बाद इजराइल ने 23 सितंबर को हिजबुल्लाह पर भीषण हवाई हमले शुरू किए।

लेबनान का हाल: तबाही के कगार पर खड़ा देश

हिजबुल्लाह के नाम पर लेबनान पर किए गए हमलों से देश अब तबाही के कगार पर पहुंच चुका है। लेबनान का दावा है कि इजराइल के हमलों में 550 आम नागरिक, जिनमें 50 बच्चे शामिल हैं, मारे गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि 2006 से अब तक हिजबुल्लाह के जो लोग जंग में मारे गए, इस बार के हमलों में उनकी संख्या दोगुनी से अधिक है। एक हफ्ते की जंग में इजराइल में भी एक हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। इजराइल ने हिजबुल्लाह के कई प्रमुख कमांडरों को निशाना बनाया, जिनमें मोहम्मद नस्सर, तालेब अब्दुल्लाह, और फुआद शुकर शामिल हैं। 27 सितंबर को, इजराइल ने बेरुत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला कर सरगना हसन नसरल्लाह को भी मार गिराया।

ईरान का जवाब: हमले के बाद का पलटवार

गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह पर हमले के बाद, ईरान ने इजराइल पर अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों से जवाबी हमला किया। ईरान ने इजराइल की ओर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, लेकिन इजराइल ने इन हमलों से ज्यादा नुकसान नहीं होने की बात कही। इजराइली सेना का कहना है कि ईरान के हमले में किसी भी विमान या महत्वपूर्ण संसाधन को नुकसान नहीं पहुंचा, क्योंकि अधिकांश मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया या वे खुले क्षेत्रों में गिरीं। फिर भी, इस हमले के कारण इजराइल के 10 मिलियन नागरिकों को छिपने के लिए भागना पड़ा। ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने दावा किया कि उनकी सेनाओं ने पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग किया, जिसमें 90 फीसदी मिसाइलें और ड्रोन सटीक निशाने पर लगे और निशाने पर इजराइल के तीन सैन्य ठिकाने थे।

शहर-दर-शहर: युद्ध की तबाही का मंजर

साल भर पहले शुरू हुई जंग ने मानवता को गहरे घाव दिए हैं। हालांकि आर्थिक नुकसान का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है, लेकिन मिसाइलों और रॉकेटों के हमले ने शहर-दर-शहर तबाही मचाई है। नुकसान अरबों में हो सकता है, और लेबनान की राजधानी बेरूत अब खंडहर में बदल चुकी है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच युद्ध के बाद से रेस्टोरेंट सेक्टर का बिजनेस 80 फीसदी से अधिक घट गया है। लेबनान की अर्थव्यवस्था में 20 फीसदी योगदान करने वाला पर्यटन पूरी तरह से नष्ट हो चुका है, और विमान कंपनियों को अपनी उड़ानों में 80 फीसदी तक कटौती करनी पड़ी है।

गाजा पट्टी में, स्कूल, अस्पताल और चर्च लगभग समाप्त हो चुके हैं। इजराइल के हमलों में गाजा की करीब 80 फीसदी मस्जिदें ध्वस्त हो चुकी हैं, और धार्मिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 1,245 मस्जिदों में से 814 को नष्ट किया गया है। धुआंधार बमबारी में 148 मस्जिदें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और मंत्रालय की 350 मिलियन डॉलर की संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है। भोजन, पानी और दवा की भी गंभीर कमी हो गई है।

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