भागलपुर में फिर से धरती ने उगला बम: 2 साल में 5 बार ब्लास्ट, 18 की गई जान
भागलपुर में मंगलवार को हबीबपुर थाना क्षेत्र के एक मैदान में बम विस्फोट हुआ, जिसमें खेल रहे बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से तीन की स्थिति चिंताजनक है। पिछले दो वर्षों में यहां पांच बार धमाके हो चुके हैं, जिसमें 18 से अधिक मौतें हुई हैं।
Bihar News: भागलपुर जिले में बम विस्फोट की घटनाएँ अब आम होती जा रही हैं, जिससे शहर का इतिहास काले धब्बों से भरा हुआ है। हाल ही में हबीपुर में हुई विस्फोट ने फिर से इस भयावहता को उजागर किया। पिछले दो वर्षों में 18 से अधिक लोग इन धमाकों के शिकार हो चुके हैं, और कई घायल हैं, जो उस भयानक मंजर को नहीं भुला पा रहे। ब्लास्ट इतना भयानक था कि बहु-मंजिला इमारतों के मलबे उड़ गए और धमाके की गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। कई इलाकों में छोटे विस्फोट तो आम हैं, वहीं प्रमुख स्थानों से जिंदा बम बरामद होने की घटनाएँ भी हुई हैं, जिससे लोगों में दहशत बनी रहती है।
इन घटनाओं ने भागलपुर को एक ऐसा शहर बना दिया है, जहाँ कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। बिना लाइसेंस के बारूद का कारोबार खुलकर फल-फूल रहा है, जबकि पुलिस इस स्थिति से अनजान बनी हुई है। जांच के नाम पर चलाए जाने वाले अभियान अक्सर निष्क्रिय हो जाते हैं, और जैसे ही एक मामला ठंडे बस्ते में जाता है, एक नई घटना से सब कुछ ताजा हो जाता है। यह स्थिति सवाल उठाती है कि आखिरकार भागलपुर की धरती बम क्यों उगल रही है।
जब ब्लास्ट में 15 लोगों की चली गई थी जान
यह घटना बम बनाने के दौरान हुई, जिसमें दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए। जांच के दौरान कई बिंदुओं पर ध्यान दिया गया, जैसे कि इस शक्तिशाली बम को किस उद्देश्य से तैयार किया जा रहा था और इसे कहाँ भेजने की योजना थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े अधिकारियों को तलब कर थानाध्यक्ष को निलंबित किया और STF तथा ADG को भागलपुर भेजा। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि शहर में कोई बड़ी साजिश की जा रही हो सकती है, जिसे रोकने के लिए पुलिस को अधिक सजग रहने की आवश्यकता है।
भागलपुर में बम बनाने का काला व्यापार: सुरक्षा पर सवाल
भागलपुर जिले में बम बनाने का काला कारोबार तेजी से फैल रहा है, क्योंकि शेखपुरा, नवादा, झरिया और पाकुर से भारी मात्रा में बारूद आसानी से मिल जाता है। काजवली चक, हबीबपुर, और नाथनगर के कई इलाकों में अवैध पटाखा बनाने का धंधा चल रहा है। पुलिस इन विस्फोटों को गंभीरता से नहीं ले रही, जिससे ऐसी घटनाएँ लगातार हो रही हैं। लोगों का मानना है कि पुलिस घटनाओं के बाद जांच को हल्के में लेती है, जिससे मौत के समान यह कारोबार बढ़ता जा रहा है।
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