Ratan Naval Tata Death: अलविदा रतन टाटा…140 करोड़ दिलों का राजकुमार

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ। उन्होंने टाटा ग्रुप में एक प्रशिक्षु के रूप में करियर शुरू किया और वैश्विक स्तर पर इसे बढ़ावा दिया। उन्हें ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ जैसे कई पुरस्कार मिले।

अक्टूबर 10, 2024 - 08:22
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Ratan Naval Tata Death: अलविदा रतन टाटा…140 करोड़ दिलों का राजकुमार

Ratan TATA: रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप में एक प्रशिक्षु के रूप में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर की, जहां उन्होंने चूना पत्थर खोदने और ब्लास्ट फर्नेस का संचालन किया। 70 के दशक के अंत में, उन्हें नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (एनईएलसीओ) और मुंबई स्थित एम्प्रेस मिल्स का जिम्मा सौंपा गया। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने विविध उद्योगों में अपने को विकसित किया और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

140 करोड़ से अधिक लोगों के देश में, रतन टाटा ने जो मुकाम और सम्मान हासिल किया, वह बेहद अद्वितीय है। उनका निधन ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ, जिससे देश ने एक महान बिजनेसमैन और परोपकारी को खो दिया। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दिया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने न केवल व्यापार में सफलता पाई, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों का भी बखूबी निर्वहन किया।

रतन टाटा, जो भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध बिजनेस लीडर्स में से एक थे, एक शर्मीले व्यक्तित्व के मालिक थे और अकेले रहना पसंद करते थे। उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और 2012 में 75 वर्ष की आयु में रिटायर हुए। उनकी खासियत यह रही कि वे किसी विवाद में नहीं फंसे, बल्कि अपने दृष्टिकोण और मेहनत से एक पारिवारिक व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय साम्राज्य में बदलने में सफल रहे।

रतन टाटा: एक महान व्यक्तित्व का जन्म

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल टाटा और सूनू कमिसारिएट के घर हुआ। उनका बचपन चुनौतियों से भरा था, क्योंकि 7 वर्ष की आयु में उनके माता-पिता अलग हो गए। उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने छोटे भाई जिमी के साथ किया। रतन ने 1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से आर्किटेक्चर में बीएस पूरा किया और 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम की डिग्री प्राप्त की। जेआरडी टाटा की सलाह पर, उन्होंने आईबीएम से नौकरी का ऑफर ठुकराकर परिवार के व्यवसाय में शामिल होने का निर्णय लिया।

पद्म पुरस्कार विजेताओं का सम्मान:

रतन टाटा को 2000 में ‘पद्म भूषण’ और 2008 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया। उन्हें कॉर्नेल यूनिवर्सिटी द्वारा 26वें रॉबर्ट एस हैटफील्ड फेलो का दर्जा भी मिला। इसके अलावा, दुनिया भर के 15 संस्थानों ने उन्हें इंजीनियरिंग और बिजनेस मैनेजमेंट में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया, जिससे उनके योगदान की व्यापक पहचान हुई।

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