नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, 5 शुभ मुहूर्त और विशेष मंत्र
शारदीय नवरात्रि 2024 का दूसरा दिन 4 अक्तूबर को मनाया जा रहा है, जिसमें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन का विशेष महत्व है, और उनकी पूजा से साधक को दृढ़ संकल्प, धैर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Shardiya Navratri 2024 Dusre Din ki Puja: शारदीय नवरात्रि 2024 का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा को समर्पित है, जो तपस्या और साधना का प्रतीक मानी जाती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से जीवन में शांति, धैर्य और सुकून का संचार होता है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने वाले भक्तों को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। ब्रह्म का अर्थ है तप और चारिणी का अर्थ है आचरण, इसलिए उन्हें तपस्विनी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को साक्षात ब्रह्मा का रूप भी माना जाता है। उनकी पूजा के सही विधि और मंत्रों का पालन करने से साधक को विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
दूसरे दिन 5 शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के लिए 5 विशेष शुभ मुहूर्त हैं। इन तीन मुख्य मुहूर्तों में पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है:
- चर मुहूर्त: सुबह 06:16 से 07:44 तक
- लाभ मुहूर्त: सुबह 07:44 से 09:13 तक
- अमृत मुहूर्त: सुबह 09:13 से 10:41 तक
- अभिजित मुहूर्त: 11:46 से 12:33 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:07 से 02:55 तक
इन शुभ समयों में मां की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति, और सफलता की प्राप्ति होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना: जानें कौन सा मंत्र जपे और उसके लाभ
मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के लिए "नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।" मंत्र का जाप करना उत्तम माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर मां के इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व:
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। उनकी आराधना से संयम, बल, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जिससे लक्ष्य प्राप्ति में सफलता मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, और उनकी कृपा से व्यक्ति के व्यक्तित्व में तेज और प्रभावशाली गुणों का विकास होता है। घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास भी होता है।
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