छत्तीसगढ़: मरवाही में भालुओं के हमलों से 2 ग्रामीणों की मौत
छत्तीसगढ़ के मरवाही में भालू के हमले ने आतंक मचाया। ग्राम बेलझिरिया के चरणसिंह खेरवार, रामकुमार और सुक्कुल प्रसाद सुबह मशरूम बिनने गए थे। इस दौरान सुक्कुल की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हुए।
Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ के मरवाही में भालू का आतंक एक बार फिर सामने आया है, जहां 24 घंटे के भीतर दो लोगों की मौत और पांच अन्य के घायल होने की घटनाएं हुईं। बेलझिरिया, करगी कला और खुरपा के गांवों में भालू ने कई लोगों पर हमला किया। जानकारी के अनुसार, एक 13 वर्षीय बच्ची खेत पर बकरी चराने गई थी, जब भालू ने उस पर हमला किया, जिससे उसकी गंभीर चोटें आईं और वह दम तोड़ गई। अगले दिन भालू ने तीन अन्य गांववासियों पर हमला किया, जिससे एक की मौत हो गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। करगी कला में भी दो लोग घायल हुए हैं।
भालू का कहर: ग्रामीणों पर जानलेवा हमला
शुक्रवार शाम को एक 13 वर्षीय बच्ची का भालू से सामना हुआ, जिसने उसे जानलेवा हमला करते हुए चेहरे और पीठ को बुरी तरह नोंच दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद, बेलझिरिया में उसी भालू ने तीन अन्य लोगों पर हमला किया, जिसमें एक की दर्दनाक मौत हुई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। करगीकला में भी भालू ने जंगल में गए दो लोगों पर हमला किया, जिससे वे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
भालू के हमले में युवक की दर्दनाक मौत
ग्राम बेलझिरिया के निवासी चरणसिंह खेरवार, रामकुमार और सुक्कुल प्रसाद सुबह मशरूम बिनने के लिए गए थे, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में सुक्कुल प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत मरवाही अस्पताल में भर्ती कराया गया। करगीकला के निवासी सेवक लाल यादव और सेमलाल गोंड भी खेत देखने गए थे, जहां उन्हें भी भालू ने घायल कर दिया। उनका इलाज भी मरवाही अस्पताल में जारी है।
पिछले डेढ़ माह में मरवाही वनमंडल में भालू के 25 से अधिक हमलों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे जामवंत योजना पर सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि जंगलों में पेड़ों की कटाई, अवैध कब्जे और वन संसाधनों पर मानव दखल के कारण भालू और अन्य जंगली जीव आबादी की ओर बढ़ रहे हैं।
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