एम्स के डॉक्टरों का खुलासा: छात्रों में आत्महत्या के मामलों में 50% बढ़ोतरी के कारण
भारत में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है। आईसी3 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में छात्रों की आत्महत्या की दर में 57% की बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है।
आईसी3 की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि भारत में छात्रों की आत्महत्याएं अब किसानों की आत्महत्याओं से भी अधिक हो गई हैं। 2021 में 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की, जो पिछले एक दशक में 57% की वृद्धि दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, हर 40 मिनट में एक छात्र आत्महत्या कर रहा है, और इनकी संख्या कुल आत्महत्याओं की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ रही है। एम्स के डॉक्टरों ने इस alarming वृद्धि के कारणों पर प्रकाश डाला है, जिससे समाज में चिंता बढ़ रही है।
आत्महत्या के मामलों में वृद्धि: कारणों की खोज
पिछले दो दशकों में भारत में मानसिक समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते 2022-23 में आत्महत्या के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए, लगभग 1 लाख 70 हजार के आसपास। इसका मुख्य कारण खराब मानसिक स्वास्थ्य और बढ़ता डिप्रेशन है। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नंद कुमार का कहना है कि लोग अक्सर केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देते हैं, जबकि मानसिक स्वास्थ्य equally महत्वपूर्ण है। आत्महत्या के मामलों में लगभग 40% लोग 30 साल से कम उम्र के होते हैं, जो युवा जीवन के समाप्त होने का संकेत है। डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच भी मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में छात्रों की आत्महत्या की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, जो इस गंभीर समस्या को और अधिक चिंताजनक बनाता है।
मानसिक स्वास्थ्य की गिरावट: दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा
एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक चोपड़ा के अनुसार, खराब मानसिक स्वास्थ्य हार्ट की बीमारियों का प्रमुख कारण है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है। नींद की कमी या नशे की लत से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जो स्ट्रेस को बढ़ाता है और शरीर के कार्डियक फंक्शन को डिस्टर्ब करता है। जब कार्डियक फंक्शन असामान्य होता है, तो हार्ट की बीमारियों से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के 90% मामले मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कारण होते हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
आत्महत्या की समस्या का समाधान: क्या हैं उपाय?
डॉ. दीपक चोपड़ा के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए योग एक प्रभावी उपाय है। योग और ध्यान का अभ्यास करने से व्यक्ति अपनी मानसिक सेहत को बेहतर बना सकता है। इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद होगा और तनाव को कम करने में मदद करेगा।
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