अध्यापिका की दुष्कर्म की दावे को हाई कोर्ट ने किया खारिज, शिक्षक को मिली बरी
बिलासपुर में हाई कोर्ट ने एक अध्यापिका की दुष्कर्म की शिकायत को खारिज करते हुए आरोपी शिक्षक को बरी किया। कोर्ट ने पाया कि शिक्षिका ने संबंध बनाने के लिए सहमति दी थी और मामला सिद्ध नहीं हुआ।
बिलासपुर | हाई कोर्ट ने एक अध्यापिका की शिकायत को खारिज करते हुए दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक को दोषमुक्त किया है। कोर्ट ने पाया कि शिक्षिका ने संबंध बनाने के लिए सहमति दी थी। यह मामला बलौदाबाजार जिले के एक शासकीय प्राथमिक विद्यालय से संबंधित है, जहां शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि 2018 में एक शिक्षक उसके घर आया। उसने बच्चे को चॉकलेट देकर बाहर भेज दिया और शादी का प्रस्ताव रखा।
जब शिक्षिका ने शादी करने से इनकार किया, तो आरोपी ने बच्चे को नुकसान पहुँचाने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। हालाँकि, कोर्ट ने इस कहानी को संदेहास्पद मानते हुए अपीलकर्ता शिक्षिका के दावों को खारिज कर दिया और शिक्षक को बरी कर दिया। यह निर्णय समाज में दुष्कर्म के मामलों में सहमति और साक्ष्य के महत्व को रेखांकित करता है।
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को बरी कर दिया, यह कहते हुए कि अपराध सिद्ध नहीं हुआ। इसके बाद पीड़िता ने हाई कोर्ट में अपील की। सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान में यह बात सामने आई कि पीड़िता जिस किराए के मकान में रह रही थी, वहां और भी किरायेदार थे, और उसने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी।
आरोपी के पक्ष में गवाहों ने कहा कि वह महिला को समाज की प्रथा के अनुसार चूड़ी पहनाकर अपने गांव ले गया था, जहां वे तीन-चार दिन रहे। हाई कोर्ट ने इस आधार पर शिक्षिका की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, यह मानते हुए कि दोनों के बीच संबंध बनाने के लिए सहमति थी।
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