स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से निजी अस्पताल संचालकों में मची अफरातफरी

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब प्राइवेट अस्पतालों पर अचानक छापा मारा, तो कई अस्पताल संचालकों ने घबराकर शटर बंद कर दिए और मौके से फरार हो गए। इस कार्रवाई का उद्देश्य अस्पतालों की गतिविधियों और सेवाओं की जांच करना था, लेकिन कुछ संचालकों ने जांच से बचने के लिए अपने अस्पतालों को बंद कर दिया।

सितम्बर 19, 2024 - 14:35
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स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी से निजी अस्पताल संचालकों में मची अफरातफरी

Hardoi News: हरदोई के मल्लावां कस्बे में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने निजी अस्पतालों पर छापेमारी की। लंबे समय से मिल रही अनियमितताओं की शिकायतों के चलते यह कार्रवाई की गई थी। जैसे ही छापेमारी की खबर अस्पताल संचालकों को मिली, उन्होंने तुरंत शटर बंद कर अस्पताल छोड़ दिया।

सूर्या हॉस्पिटल, जिओ हॉस्पिटल, सिटी हॉस्पिटल, भारत हॉस्पिटल और सिंह हॉस्पिटल जैसे प्रमुख अस्पताल छापेमारी के दौरान बंद मिले। हालांकि, बाजीगंज स्थित फहीम क्लीनिक और भगवंतनगर में नईम क्लीनिक खुले पाए गए, जहां नोडल अधिकारी ने जांच की और कागजात हरदोई में पेश करने के निर्देश दिए।

क्षेत्र में दर्जनों निजी अस्पताल और जांच केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें अनियमितताओं की शिकायतें लगातार सीएचसी से लेकर सीएमओ ऑफिस तक पहुंच रही हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर सीएमओ डॉ. रोहतास कुमार के निर्देश पर नोडल अधिकारी ने यह निरीक्षण किया।

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान सभी अस्पताल बंद मिले और आगे भी आकस्मिक निरीक्षण जारी रहेगा। छापे के बाद, जैसे ही टीम वापस लौटी, अस्पताल संचालकों ने फिर से अपने प्रतिष्ठान खोल दिए।

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