जीपीएम पुलिस का बड़ा ऑपरेशन: 485 किलो गांजा जब्त, 11 आरोपी गिरफ्तार
जीपीएम पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ बड़े अभियान में एक महीने में 485 किलो गांजा जब्त किया, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है। 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, और कार्रवाई में कई पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मारवाही: गांजा तस्करों के खिलाफ जीपीएम पुलिस का अभियान जारी है। हाल ही में पुलिस ने 41 लाख रुपये मूल्य का गांजा बरामद करते हुए दो अंतराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया। एक महीने में, पुलिस ने लगभग 485 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी कुल कीमत 1 करोड़ रुपये के करीब है। कार्रवाई में तेजी जारी है।
सीएम साय ने रायपुर में एसपी और कलेक्टर्स की एक कांफ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी कार्रवाई और तस्करों के फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंक को ट्रेस करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में, आईपीएस भावना गुप्ता ने अंतरराज्यीय गांजा तस्करी पर एक और कार्रवाई की। एसपी ने साइबर सेल जीपीएम और पेंड्रा थाने की संयुक्त टीम को पतगंवा के पास तैनात किया। चेकिंग के दौरान, पुलिस टीम ने XL 6 वाहन में गांजा तस्करी कर रहे दो तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके पास से करीब 2 क्विंटल गांजा जब्त किया गया, जिसकी कीमत लगभग 41 लाख रुपये है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे गांजा ओडिशा के बलांगीर से मध्यप्रदेश के राजेंद्रग्राम ले जा रहे थे।
जीपीएम पुलिस ने एक महीने में तीन मामलों में लगभग 485 किलो गांजा जब्त किया है, जिसका बाजार मूल्य करीब एक करोड़ रुपये है। इसके साथ ही, पुलिस ने पांच चारपहिया वाहनों को भी बरामद किया, जिनकी कुल कीमत लगभग 60 लाख रुपये है। आरोपियों के फाइनेंशियल ट्रेल को ट्रेस करते हुए दो दर्जन बैंक खातों को होल्ड करवाया गया है। मध्यप्रदेश के 7 और छत्तीसगढ़ के 4 व्यक्तियों सहित कुल 11 लोगों पर अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में कार्रवाई की गई है। सभी मामलों में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20बी और 29 के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है।
इस अंतरराज्यीय तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा और डीएसपी निकिता तिवारी मिश्रा के नेतृत्व में पेंड्रा थाने के निरीक्षक नवीन बोरकर, साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, उप निरीक्षक रणछोड़ सेंगर और अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनकी समर्पित मेहनत और समन्वय ने इस अभियान को सफल बनाया है, जिससे तस्करी के खिलाफ सख्त संदेश दिया गया है।
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