कैबिनेट का अहम फैसला: मुख्यमंत्री होंगे सभी विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष, सांसद बने सदस्य

कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सभी पांच विकास प्राधिकरणों का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनमें सांसदों, राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों और संबंधित क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्षों को सदस्य बनाया गया है। प्राधिकरणों में आदिवासी और अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव भी शामिल किए गए हैं।

सितम्बर 20, 2024 - 19:00
सितम्बर 20, 2024 - 18:59
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कैबिनेट का अहम फैसला: मुख्यमंत्री होंगे सभी विकास प्राधिकरणों के अध्यक्ष, सांसद बने सदस्य

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में राज्य के पांच विकास प्राधिकरणों – छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण – के पुनर्गठन में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

अब इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे और मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, संबंधित क्षेत्र के सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष इसके सदस्य बनाए गए हैं। आदिवासी और अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव को भी सदस्य बनाया गया है।


छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण और पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण: क्षेत्रीय प्रगति और समृद्धि के लिए नई पहल:

मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन को मंजूरी दी, जिसमें मुख्यमंत्री को अध्यक्ष और क्षेत्र के विधायक को उपाध्यक्ष बनाया गया है। पहले केवल तीन विभागों के मंत्रियों के बजाय अब सभी मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा, राज्यसभा, लोकसभा सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, आदिवासी और अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव भी सदस्य होंगे, जबकि पूर्व में शामिल 35 विधायक और अन्य सदस्य यथावत रहेंगे।

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण: आदिवासी सशक्तिकरण के लिए नई योजनाओं का विस्तार:

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री को अध्यक्ष और क्षेत्र के (अ.ज.जा. आरक्षित) विधायक को उपाध्यक्ष बनाया गया है। सभी मंत्रियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, जबकि पहले आदिम जाति कल्याण और वित्त मंत्री सदस्य थे। प्राधिकरण क्षेत्र के सांसद, जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष, अधिकतम दो समाजसेवी, मुख्य सचिव, आदिवासी विकास विभाग के सचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी सदस्य होंगे। 14 पूर्व विधायकों को यथावत रखा गया है।

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण: समृद्धि और समानता की ओर नई पहल:

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और (अजा आरक्षित) विधायक उपाध्यक्ष होंगे। अब राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों, संबंधित क्षेत्र के सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष (अजा), अधिकतम दो मनोनीत समाजसेवी, मुख्य सचिव, और आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव सदस्य होंगे। 10 पूर्व विधायकों को यथावत रखा गया है।

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण: विकास और सशक्तिकरण की दिशा में कदम:

मुख्यमंत्री साय मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और (अ.ज.जा. आरक्षित) विधायक उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के तहत, अब राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों, तथा जिला पंचायत अध्यक्षों को सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा, आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो मनोनीत समाजसेवी और विशेषज्ञ, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव भी सदस्य होंगे। 12 पूर्व विधायकों को यथावत प्राधिकरण में रखा गया है।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण: क्षेत्रीय उत्थान और आदिवासी कल्याण की दिशा में:

मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और (अ.ज.जा. आरक्षित) विधायक उपाध्यक्ष होंगे। अब, पूर्व में शामिल केवल दो मंत्रियों के बजाय, सभी मंत्रियों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों, तथा जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्षों को सदस्य बनाया गया है। अधिकतम दो मनोनीत समाजसेवी, मुख्य सचिव, और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव भी सदस्य होंगे, जबकि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य सचिव रहेंगे। 12 पूर्व विधायकों को यथावत रखा गया है।

शहरी विकास नीति (टीडीएस) को मिली मंजूरी: विकास के नए आयाम:

कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्तियों और संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रुपये की स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया। राज्य के सुव्यवस्थित विकास और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदन किया गया, जिसके तहत भूखंडों का पुनर्गठन किया जाएगा। आवास एवं पर्यावरण विभाग को दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। यह नीति जनोपयोगी भूमि का उचित विकास, अतिक्रमण को रोकना, और शहरी सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए बनाई गई है, ताकि नगर विकास योजना विभिन्न प्रयोजनों के लिए लागू की जा सके।


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