IIT BHU रेपकांड: 330 दिन बाद 13 छात्र निलंबित, जानें क्या है पूरा मामला

IIT BHU प्रशासन ने 330 दिन बाद 13 छात्रों को निलंबित किया है, जिनमें आइसा और एनएसयूआई के छात्र शामिल हैं। छात्रों ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है और काउंसलिंग की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

अक्टूबर 2, 2024 - 14:45
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IIT BHU रेपकांड: 330 दिन बाद 13 छात्र निलंबित, जानें क्या है पूरा मामला

वाराणसी | आईआईटी बीएचयू रेपकांड के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 330 दिन बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 छात्रों को निलंबित किया है। इनमें आइसा और एनएसयूआई के छात्र शामिल हैं, जिन्होंने इस घटना के विरोध में बीएचयू के सिंह द्वार पर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान रेपकांड पर की गई राजनीतिक बयानबाजी ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। इसी दौरान आइसा और एबीवीपी के छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें एबीवीपी की मेघा मुखर्जी समेत कई छात्र घायल हुए थे। इस घटना के बाद लंका थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इन छात्रों के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की है। मामले को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों में अभी भी असंतोष व्याप्त है।

IIT BHU रेपकांड: 330 दिन बाद 13 छात्रों पर बड़ी कार्रवाई

एबीवीपी की मेघा मुखर्जी की शिकायत के 330 दिन बाद, IIT BHU प्रशासन ने 13 छात्रों को निलंबित करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी आदेश में आकांक्षा, इप्शिता, चंदा यादव, उमेश यादव, अनुरति, सिद्धि, अमित, और अमन को 30 दिनों के लिए निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई रेपकांड के बाद की गई है।

IIT BHU: 15 दिनों के लिए 13 छात्रों का निलंबन, जानें कारण

IIT BHU प्रशासन ने रोशन पाण्डेय, राजीव नयन, सुमन आनंद, और अनुपम को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय का मानना है कि ये छात्र झगड़े का हिस्सा नहीं थे, फिर भी इन्हें हॉस्टल और पुस्तकालय से निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पिछले विवाद के चलते की गई है।

IIT BHU में एकतरफा कार्रवाई का आरोप, छात्रों ने जताया विरोध

IIT BHU प्रशासन ने सभी निलंबित छात्रों की काउंसलिंग कराने का निर्णय लिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। हालांकि, आइसा के छात्रों में नाराजगी है, जो इस कार्रवाई को सत्ता के दबाव में एकतरफा मानते हैं। उनका कहना है कि झगड़े में आइसा के छात्रों को भी चोटें आई थीं, इसलिए प्रशासन को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए थी।

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