CG Breaking News : महादेव सट्टा एप के सरगना सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार
महादेव सट्टा एप के सरगना सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार किया गया। 6000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच CBI और ED द्वारा की जा रही है। चंद्राकर की गिरफ्तारी से अन्य राज खुलने की उम्मीद है।
रायपुर। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े 6000 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई, जिसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर जारी किया गया था। इस मामले में ED, विदेश मंत्रालय (MEA) और गृह मंत्रालय (MHA) ने मिलकर एक प्रभावशाली कार्रवाई की है।
सौरभ चंद्राकर, जो पहले छत्तीसगढ़ के भिलाई में एक साधारण जूस की दुकान चलाता था, ने महादेव एप के जरिए सट्टेबाजी का बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। उसकी गिरफ्तारी ने इस 6000 करोड़ रुपये के घोटाले के प्रमुख कर्ताधर्ता को कानून के शिकंजे में ला दिया है। दैनिक हितावद के अनुसार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने लगभग डेढ़ महीने पहले इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का निर्णय लिया था। सीएम साय ने स्पष्ट किया था कि घोटाले में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, और सभी दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जांच जारी रहेगी।
दुबई में गिरफ्तार चंद्राकर के प्रत्यर्पण की तैयारी तेज
MEA, MHA और ED की त्वरित कार्रवाई के बाद, सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के एक सप्ताह के भीतर प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी। इन एजेंसियों ने संयुक्त रूप से चंद्राकर को भारत लाने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की। अब ये संगठन चंद्राकर के प्रत्यर्पण के कानूनी और कूटनीतिक पहलुओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, चंद्राकर को भारत लाने के लिए उसकी "प्रोविजनल अरेस्ट" की जाएगी, जिससे उसे भारतीय कानून के समक्ष पेश किया जा सकेगा।
IG राम गोपाल गर्ग की विशेष पहल:
इस ऑपरेशन की सफलता में दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग का योगदान अद्वितीय रहा। उन्होंने CBI में अपने 7 वर्षों के अनुभव का उपयोग करते हुए सौरभ चंद्राकर की हर गतिविधि पर ध्यान केंद्रित किया। गर्ग ने CID के माध्यम से एक अनूठी अनुरोध प्रक्रिया चलाई, जो सीधे छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग से जुड़ी थी। जुलाई 2024 में, उन्होंने गृह मंत्रालय को चंद्राकर की प्रोविजनल अरेस्ट के लिए तत्काल अनुरोध भेजा। सितंबर में, गृह मंत्रालय ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए, जिनका जवाब गर्ग ने तत्परता से दिया और सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया। उनके उच्च-स्तरीय समन्वय ने चंद्राकर की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण प्रक्रिया में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महादेव एप घोटाले का बड़ा पर्दाफाश:
2019 में महादेव एप के जरिए अवैध सट्टेबाजी का खुलासा हुआ, जिसके बाद CBI और ED इस घोटाले की जांच कर रही हैं। अब तक 19 में से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी से महादेव एप के कई अन्य राज खुलने की उम्मीद है, जिससे इस मामले के अन्य पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।
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