रायपुर अपहरण और हत्या मामला: हाईकोर्ट ने आरोपियों की अपील खारिज की, आजीवन कारावास की सजा सुनाई
रायपुर में 2 करोड़ की फिरौती के लिए अपहरण और हत्या के चार आरोपियों को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपील खारिज करते हुए न्यायालय ने मजबूती से साक्ष्यों का आधार स्वीकार किया, जिससे न्याय की प्रक्रिया को बल मिला।
बिलासपुर। रायपुर में 2 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए अपहरण और हत्या के मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट ने सही ठहराया है। डिवीजन बेंच ने आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए कहा कि मामले में उपलब्ध परिस्थिति जन्य साक्ष्यों की मजबूत श्रृंखला दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त है। इस फैसले से न्याय की प्रक्रिया को बल मिला है और समाज में सुरक्षा का संदेश गया है।
16 अप्रैल 2018 को रायपुर में प्रकाश शर्मा की हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि मृतक के चचेरे भाई, अमृत शर्मा, ने भोजराज नंद, अनिल कुमार बेहरा, और चित्रसेन बेहरा के साथ मिलकर प्रकाश का अपहरण करने की साजिश रची थी। उनका उद्देश्य प्रकाश के पिता सत्यनारायण शर्मा से 2 करोड़ रुपए की फिरौती वसूलना था। हालांकि, साजिश के दौरान गलती से प्रकाश की हत्या कर दी गई, जब आरोपियों ने उसे क्लोरोफॉर्म दिया। इस हादसे ने पूरे मामले की गंभीरता को उजागर किया और आरोपियों की गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त किया।
छठे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, रायपुर ने सभी चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपियों ने निचली अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दायर की। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने की। खंडपीठ ने सभी आरोपियों की अपील को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। न्यायालय ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की मजबूती को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया, जिससे न्याय की प्रक्रिया को मजबूती मिली और समाज में सुरक्षा का संदेश गया।
आपकी क्या प्रतिक्रिया है?