राजस्थान में जैन धर्म के सिद्धांतों का विकास में योगदान - भजनलाल शर्मा

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में जैन धर्म के सिद्धांतों और विकास योजनाओं पर जोर दिया, साथ ही रणकपुर और नसियां जी के विकास का उल्लेख करते हुए ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट के आयोजन की घोषणा की।

अक्टूबर 7, 2024 - 09:22
अक्टूबर 7, 2024 - 09:21
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राजस्थान में जैन धर्म के सिद्धांतों का विकास में योगदान - भजनलाल शर्मा

Rajastha News : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में भाग लेते हुए जैन धर्म के सिद्धांतों की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सभी धर्मों में अहिंसा और क्षमा का विशेष महत्व है। अपने 9 महीने के कार्यकाल के दौरान, शर्मा ने प्रदेश में विकास की गति को तेज करने के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प की दिशा में राजस्थान को मजबूती से आगे बढ़ाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, यह दर्शाते हुए कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के विकास के लिए प्रयासरत है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम में भाग लेते हुए जैन धर्म के आस्था स्थलों के विकास कार्यों पर जोर दिया। उन्होंने रणकपुर जैन मंदिर के सौंदर्यीकरण और विराटनगर स्थित नसियां जी के विकास की योजनाओं का उल्लेख किया। शर्मा ने राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट का आयोजन करने की घोषणा की, जिसमें व्यापारियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक के संदेशों को साझा करते हुए कहा कि जैन तीर्थंकरों के अहिंसा और क्षमा के सिद्धांत विश्वशांति की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जैन धर्म के ये आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं और भारत को वैश्विक महाशक्ति बनने में मदद कर रहे हैं।

इस अवसर पर आचार्य शशांक सागर महाराज ने उल्लेख किया कि यह पहली बार है जब राजस्थान में दिगंबर और श्वेतांबर मुनि एक साथ क्षमावाणी मना रहे हैं। मुनि अर्चित सागर महाराज ने मुख्यमंत्री के शाकाहारी जीवन पद्धति की सराहना की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता एवं जैन समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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