छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: वन मंडल में रॉयल्टी घोटाले और एनीकट निर्माण में भ्रष्टाचार पर गंभीर सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में वन मंडल से जुड़े करोड़ों के रॉयल्टी घोटाले और 121 एनीकट निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर विचार किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई।

सितम्बर 20, 2024 - 15:20
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट: वन मंडल में रॉयल्टी घोटाले और एनीकट निर्माण में भ्रष्टाचार पर गंभीर सुनवाई

बिलासपुर (वीरेंद्र गहवई): मरवाही वन मंडल में 3 करोड़ 80 लाख रुपये की रॉयल्टी घोटाला सामने आया है, जिसमें खनिज सामग्री की आपूर्ति के लिए नियमों का उल्लंघन हुआ है। इस मामले की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में हो रही है, जहां वन विभाग अब तक रॉयल्टी की रसीदें पेश करने में विफल रहा है।

कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मरवाही वन मंडल के पेंड्रा क्षेत्र में 121 एनीकट के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। खनिज सामग्री की आपूर्ति के लिए ट्रक और हाइवा वाहनों का उपयोग किया गया, लेकिन नियमानुसार रॉयल्टी रसीद नहीं ली गई, जो इस घोटाले का प्रमुख हिस्सा है। वन विभाग द्वारा बिना रसीद के ही 3 करोड़ 80 लाख रुपये की रॉयल्टी की रकम का भुगतान कर दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचा।

बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दाखिल करने का निर्देश दिया है। रिज्वाइंडर याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई याचिका के समर्थन में और तर्कों का प्रतिवेदन होता है, जो कोर्ट के सामने मामले की स्पष्टता को और पुख्ता करता है। अदालत ने वन विभाग की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों और तर्कों पर गंभीरता से विचार करते हुए यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता इस मामले में आवश्यक तथ्य और प्रमाण प्रस्तुत करें।

इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद निर्धारित की गई है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य तथ्यों का भी खुलासा हो सकता है। मामले के गंभीर परिणाम स्वरूप, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।

यह रॉयल्टी घोटाला छत्तीसगढ़ में वन विभाग के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करता है और इससे जुड़े उच्चाधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

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