चक्रव्यूह के रचयिता का दुखद अंत: जियाउल हक हत्या मामले में अभिभावकों की प्रतिक्रिया
जियाउल हक हत्याकांड में 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। माता-पिता ने संतोष जताया, लेकिन राजा भैया को मिली क्लीन चिट पर निराशा व्यक्त की। मामले में 11 साल बाद न्याय हुआ, सभी दोषियों पर जुर्माना भी लगा।
तत्कालीन सीओ कुंडा: जियाउल हक की हत्या के 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद उनके माता-पिता की प्रतिक्रिया सामने आई। पिता शमशुल हक और मां हाजरा खातून ने अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा कि यह खुशी के साथ-साथ दुख भी है, क्योंकि जो चक्रव्यूह रचा गया, उसके मुख्य आरोपी राजा भैया और गुलशन यादव को अब तक क्लीन चिट मिल गई है। शमशुल हक ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा षड्यंत्र उन्हीं का था, जिन्होंने जियाउल हक की हत्या की साजिश रची।
कानूनी कार्रवाई का असर: दोषियों पर जुर्माना लगाया गया
इस हत्याकांड को 2 मार्च 2013 को अंजाम दिया गया, जब तत्कालीन सीओ कुंडा, जियाउल हक को लाठी-डंडों से पीटकर गोली मार दी गई थी। 11 साल बाद, इस मामले में फैसला आया, जिसमें मुख्य दोषियों फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, और अन्य को सज़ा सुनाई गई। सभी दोषियों पर 19,500 रुपए प्रति आरोपी का जुर्माना भी लगाया गया है, जो इस गंभीर अपराध के प्रति न्याय का संकेत है।
राजा भइया पर गंभीर आरोप: हत्या का रचयिता?
प्रतापगढ़ के कुंडा में हुई जियाउल हक हत्याकांड में बाहुबली विधायक और मंत्री रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया पर आरोप लगे थे। इस आरोप के चलते उन्हें अखिलेश सरकार से इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, जांच के दौरान सीबीआई ने राजा भैया को क्लीन चिट देते हुए यह स्पष्ट किया कि इस चर्चित हत्याकांड में उनकी किसी भी तरह की साजिश नहीं मिली। यह मामला राज्य में राजनीतिक हलचलों का केंद्र बना रहा।
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